आशा और निराशा हो
तुम अव्यक्त पिपासा हो
सत्य और असत्य हो
तुम अंतहीन कथ्य हो
पाप और पुण्य हो
तुम अनंत शुन्य हो
आचार और अनाचार हो
तुम जीवन आधार हो
आरम्भ और अंत हो
तुम आनंद अनंत हो
काम और क्रोध हो
तुम प्रेम अनुरोध हो
यथार्थ और स्वप्न हो
तुम अबूझ प्रश्न हो ...
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